दीवाना हूँ तेरा मुझे इंकार नहीं,
कैसे केह दूं की मुझे तुमसे प्यार नहीं,
कुछ शरारत तो तेरी नज़रो में भी थी,
मैं अकेला ही तो इसका गुनेहगर नहीं...!!!
कैसे केह दूं की मुझे तुमसे प्यार नहीं,
कुछ शरारत तो तेरी नज़रो में भी थी,
मैं अकेला ही तो इसका गुनेहगर नहीं...!!!
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